बहोत सारे लोगों को जानकारी नहीं
होती की मन के तनाव से पेट और अन्य शरीरके अवयवों पर असर पद सकता है .
कुछ लोगोंको हमेशा
पेट में तकलीफ रहती है . कभी ज्यादा बार मोशन होती है तो कभी दो तीन दिन के लिए
नहीं होती .
तनाव की वजह से
मस्तिष्क में कुछ स्ट्रेस हारमोंस (STRESS
HARMONES) बनते है . जो शारीर केन अन्दर कोर्टिसोल और एड्रेनैलिन
नामक रसायनोंको बढाते है .
ये रसायन पेट के
अंतड़ी के ऊपर कार्य कराती है . कभी आंतडीकी गति बढती है तो कभी कम होती है .
जो दिशा में अन्न का
प्रवाह होता है वोह भी कभी कभी अवरोधित होता है , जिस वजह से खाना खाने के बाद
खाना ऊपर आना , पेट में ग्यास बन जाना , पित्त एसिडिटी बनाना ये लक्षण निर्माण
होने लगते है और इनको देखकर इंसान और भी ज्यादा घबरा जाता है .
इससे और स्ट्रेस
हारमोंनस बनाते है , जो इस श्रुंखला को चलाते रहते है .
ऐसे केस में इंसान
बहोत तरह के डॉक्टरों को दिखाता है और बहोत सारे तपास करता रहता है . लेकिन तपास
में कुछ ख़ास नहीं निकलता .
इन को कभी कभी IRRITABLE BOWEL SYNDROME भी कहा जाता है .
सही निदान , मन का
संतुलन , और कुछ तनाव के रसायन कम करने वाली दवाईया इस तकलीफ में काम आ सकती है .
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